Class 8th Hindi Important Question ( अपठित पद्यांश )
1. निम्नांकित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उससे दिए गए प्रश्नों के सही विकल्प को चुनें-
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना गिरकर चढ़ना ना अखरता है,
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।
डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है,
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में,
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती.
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।
(1) किसके डर से नौका पार नहीं होती ?
(1) नदी से डरकर,
(2) लहरों से डरकर,
(3) लोगों से डरकर,
(4) खुद से डरकर।
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(ii) नन्ही चींटी दाना लेकर कहाँ चढ़ती है ?
(1) दीवारों पर,
(2) पहाड़ों पर,
(3) छतों पर,
(4) कहीं नहीं।
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(iii) मन का विश्वास रगों में क्या भरता है ?
(1) भय,
(2) हताशा,
(3) साहस,
(4) निराशा।
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(iv) सिंधु में डुबकियाँ कौन लगाता है ?
(1) चींटी,
(2) लहरें,
(3) गोताखोर,
(4) कवि।
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(v) कैसे लोगों की हार नहीं होती ?
(1) डरने वालों की,
(2) डराने वालों की,
(3) कोशिश करने वालों की,
(4) कोशिश नहीं करने वालों की।
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2. निम्नांकित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उससे दिए गए प्रश्नों के सही विकल्प को चुनें-
विघ्नों का दल चढ़ आए तो, उन्हें देख भयभीत न होंगे
अब न रहेंगें दलित दीन हम, कहीं किसी से हीन न होंगे।
क्षुद्र स्वार्थ की खातिर हम तो, कहीं न गर्हित कर्म करेगें।
पुण्य भूमि यह भारत माता, जग की हम तो भीख न लेंगे।
मिसरी-मधु-मेवा-फल सारे देती हमको सदा यही है
कदली, चावल, अन्य विविध और क्षीर सुधामय लुटा रही है।
(i) किसके आने पर भयभीत न होंगे ?
(1) सिंह के आने पर,
(2) तूफान के आने पर,
(3) विघ्नों का दल चढ़ आने पर,
(4) रात आने पर।
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(ii) कवि क्या आशा करता है
(1) भारत बहुत तरक्की करेगा।
(2) भारत में सुख और शांति का वास होगा।
(3) भारत में आपसी झगड़े न होंगे।
(4) भारतीय किसी से पद-दलित और हीन न होंगे।
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(iii) भारत माता हमें क्या देती है ?
(1) घर,
(2) खाने का सभी सामान,
(3) जीवन,
(4) स्वर्ग।
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(iv) ‘सुधा का क्या अर्थ होता है ?
(1) अमृत,
(2) सुंदर,
(3) सीधा,
(4) धरती।
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(v) कौन अपने मुख हाथों धन और सुख संपत्ति लोगों के बीच बाँट रही है।
(1) धरती माता,
(2) गंगा माता,
(3) भारत माता,
(4) इनमें कोई नहीं।
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3. निम्नांकित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उससे दिए गए प्रश्नों के सही विकल्प को चुनें-
रेशम जैसी हँसती, खिलती नभ से आई एक किरण
फूल-फूल को मीठी, मीठी, खुशियाँ लाई एक किरण
पड़ी ओस की कुछ बूंदें, झिलमिल-झिलमिल पत्तों पर
उनमें जाकर दिया जलाकर ज्यों मुसकाई एक किरण
लाल-लाल थाली सा सूरज, उठकर आया पूरब में
फिर सोने के तारों जैसी, नभ में छाई एक किरण।
(1) सूरज की किरणें किसके जैसे हँसती, खिलती आई?
(1) बच्चे जैसे,
(2) फूलों जैसे,
(3) रेशम जैसे,
(4) इनमें सभी।
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(ii) किरण फूलों के लिए क्या लेकर आई ?
(1) सुंदरता,
(2) विभिन्न रंग,
(3) सुगंध,
(4) मीठी-मीठी खुशियाँ।
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(iii) ओस की बूँदों ने पत्तों पर क्या किया ?
(1) उन्हें चमका दिया,
(2) उन पर एक दिया-सा जला दिया,
(3) उन्हें नहला दिया,
(4) उन्हें साफ कर दिया।
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(iv) सूरज की विशेषता है-,
(1) वह गोल है,
(2) वह गोल और लाल है,
(3) वह लाल-लाल थाली जैसा है,
(4) यह लाल गेंद जैसा है।
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(v) नम’ का पर्यायवाची शब्द है-
(1) आकाश,
(3) चाँद,
(2) सूरज,
(4) तारा।
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4. निम्नांकित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उससे दिए गए प्रश्नों के सही विकल्प को चुनें-
कोलाहल हो, या सन्नाटा, कविता सदा सूजन करती है,
जब भी आँसू हुआ पराजित, कविता सदा जंग लड़ती है।
जब भी कर्ता हुआ अकर्ता, कविता ने जीना सिखलाया
यात्राएँ जब मौन हो गई कविता ने चलना सिखलाया।
जब भी तम का जुल्म चढ़ा है, कविता नया सूर्य गढ़ती है,
जब गीतों की फसलें लुटतर्ती शीलहरण होता कलियों का,
शब्दहीन जब हुई चेतना, तब-तब चैन लुटा गलियों का।
जब कुर्सी का कंस गरजता, कविता स्वयं कृष्ण बनती है।
अपने भी हो गए पराए, यूँ झूठे अनुबंध हो गए
घर में ही वनवास हो रहा यूँ गूँगे संबंध हो गए।
( i) कविता को सृजनात्मक कहा गया है, क्योंकि कविता-
(1) हर परिस्थिति में सृजक की भूमिका निभाती है।
(2) गुणों की सराहना करती है।
(3) मौन यात्रा कराती है।
(4) कवि का विश्वास दृढ़ करती है।
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(ii) कविता सदा जंग लड़ती है का भाव है-
(1) कविता में हारे हुए को सांत्वना देने की क्षमता है।
(2) कविता संघर्ष की प्रेरणा देती है।
(3) कविता चुनौती स्वीकार करने को बाध्य करती है।
(4) कविता आनंद देती है।
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(iii) कविता जीना कब सिखाती है ?
(1) जब कर्मठ अकर्मण्य हो जाता है।
(2) जब लोग मौन साध लेते हैं।
(3) जब लोग हार जाते हैं।
(4) जब लोग संन्यास लेने की सोचने लगते हैं।
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(iv) जब निराशा और अंधकार पाँव पसारता है तब प्रेरणा कहाँ से मिलती है ?
(1) स्वयं से,
(2) लोगों से,
(3) समस्याओं से,
(4) कविता से।
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(v) पराजित शब्द में ‘इत’ है-
(1) उपसर्ग,
(2) प्रत्यय,
(3) संधि,
(4) समास ।
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5. निम्नांकित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उससे दिए गए प्रश्नों के सही विकल्प को चुनें-
मैं जब अकेला होता हूँ, मुझे मेरी माँ का प्यार याद आता है,
सोचकर वक्त के उस दौर को मेरा रोम-रोम हर्षित हो जाता है.
याद आता है जब माँ मुझे सप्रेम खिलाती थी,
दुलारती हुई सी वह मुझे गोद में बिठाया करती थी,
नाज-नखरों को भी वो मेरे तब हँस-हँस के उठाया करती थी।
बेटा मेरा शेर बनेगा कहती हुई वह मुझे दूध पिलाया करती थी।
याद आता है जब कभी मैं डरता था,
ममता भरे-आँचल में वो मुझे छुपाया करती थी,
(i) कवि को अकेले में किसकी याद आती है ?
(1) माँ की,
(3) भाई-बहनों की,
(2) पिता की,
(4) दोस्तों की।
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(ii) प्रस्तुत कविता का उचित शीर्षक दें-
(1) माता का अंचल,
(2) माँ का प्यार,
(3) माँ की ममता,
(4) इनमें सभी।
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(iii) ‘नाज नखरे उठाना मुहावरे का अर्थ है ?
(1) प्रेम करना,
(2) हर तरह की इच्छा पूरी करना,
(3) शरारती बनाना,
(4) नाजुक बनना।
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(iv) दूध पिलाते समय माँ कवि को क्या कहती थी ?
(1) जल्दी-जल्दी दूध पियो।
(2) दूध पियो नहीं तो कमजोर हो जाओगे।
(3) बेटा मेरा शेर बनेगा।
(4) बेटा मेरा अफसर बनेगा।
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(v) कवि के डर जाने पर माँ क्या करती थी ?
(1) उसका मजाक उड़ाती थी।
(2) उसे डरपोक समझती थी।
(3) उसे डॉटती थी।
(4) अपने ममता भरे आँचल में छुपा लेती थी।
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6. निम्नांकित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उससे दिए गए प्रश्नों के सही विकल्प को चुनें-
हारा हूँ सौ बार
गुनाहों से लड़-लड़कर
लेकिन बारंबार लड़ा हूँ
मैं उठ-उठकर
इससे मेरा हर गुनाह भी मुझसे हारा
मैंने अपने जीवन को इस तरह उबारा
डूबा हूँ हर रोज
किनारे तक आ-आकर
लेकिन में हर रोज उगा हूँ
जैसे दिनकर
इससे मेरी असफलता भी मुझसे हारी
मैंने अपनी सुंदरता इस तरह सँवार
(i) कवि गुनाहों से सौ बार हारा है, लेकिन वह लड़ा है-
(1) गिर-गिरकर,
(2) उठ उठकर,
(3) भाग-भागकर,
(4) छिप-छिपकर।
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(ii) कवि ने अपनी असफलताओं को पराजित किया है-
(1) गुनाहों से लड़कर,
(2) घायल होकर,
(3) विजय की कामना करके,
(4) अनाचार का सामना करके।
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(iii) ‘डूबा हूँ हर रोज किनारे तक आ-आकर’ का अर्थ है कि कवि-
(1)प्रतिदिन किनारे आकर डूब गया है।
(2) वह तैरना नहीं जानता।
(3) सफलताओं के समीप आकर भी असफल हुआ है।
(4) असफलताओं से नहीं घबराता।
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(iv) ‘मैंने अपनी सुंदरता इस तरह सँवारी पंक्ति द्वारा कवि के व्यक्तित्व की इस विशेषता का पता चलता है कि उसने विजय प्राप्त की है-
(1) अपनी सुंदरता को नष्ट करके।
(2) अपनी सुंदरता का ध्यान रखकर।
(3) अपनी सुंदरता को सँवारकर।
(4) हार न मानकर, लगातार संघर्ष करते हुए
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(v) ‘दिनकर’ शब्द का अर्थ है-
(1) सूर्य,
(2) चंद्रमा,
(3) दिन,
(4) रात।
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