01 | प्रेमचन्द : ईदगाह | Click Here |
02 | अमरकांत : दोपहर का भोजन | Click Here |
03 | हरिशंकर परसाईं : टॉर्च बेचनेवाले | Click Here |
04 | रांगेय राघव : गूंगे | Click Here |
05 | सुधा अरोड़ा : ज्योतिबा फुले | Click Here |
06 | ओम प्रकाश वाल्मीकि : खानाबदोश | Click Here |
07 | गजानन माधव मुक्तिबोध : नए की जन्म कुंडली | Click Here |
08 | पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' : उसकी माँ | Click Here |
09 | भारतेन्दु हरिश्चन्द्र : भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है? | Click Here |
काव्य खंड |
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01 | कबीर : अरे इन दोहुन राह न पाई,बालम , आओ हमारे गेह रे | Click Here |
02 | सूरदास : खेलने में को काको गुसैयां , मुरली ताऊ गुपालहि भावति | Click Here |
03 | देव : हंसी की चोट, सपना, दरबार | Click Here |
04 | पद्माकर : और भांति कुंजन में गुंजरत | Click Here |
05 | सुमित्रानंदन पंत : संध्या के बाद | Click Here |
06 | महादेवी वर्मा : जाग तुझको दूर जाना, सब आंखों के आंसू उजले | Click Here |
07 | नींद उचट जाती है (नागेंद्र शर्मा) | Click Here |
08 | नागार्जुन : बादल को घिरते देखा है | Click Here |
09 | श्रीकांत वर्मा : हस्तक्षेप | Click Here |
10 | धूमिल : घर में वापसी | Click Here |